कोरोना से निपटना होगा

Last updated - April 17, 2021
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के प्रमुख 11 शीर्ष उद्योगपतियों से मुलाकात वर्तमान आतथक सुस्ती को खत्म करने के लिए विचार-विमर्श की महद्मवपूर्ण कड़ी का अंग माना जाएगा। सभी को 10-10 मिनट का समय दिया गया थाग् लेकिन प्रधानमंत्री ने बैठक को ज्यादा खुले विमर्श का चरित्र दिया था इसलिए यह तीन घंटे तक खींच गया। उद्योगपतियों की सलाह के बाद सरकार क्या-क्या कदम उठाएगीग् इसका पता शायद आगामी बजट में चले लेकिन जो प्रश्न प्रधानमंत्री ने अपने आरंभिक उद्बोधन में रखा उससे साफ है कि वो सभी पहलुओं पर खुला विमर्श के साथ यह सुझाव भी चाहते हैं कि अलग–अलग क्षेत्रों के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए?
ज्ञान-विज्ञान की बहुत सारी शाखाएं दो चीजों को जानने-समझने में सबसे ज्यादा उलझी रहती हैं। एक तो यह कि इंसान का भविष्य कैसा होगा? और दूसरे यह कि भविष्य का इंसान कैसा होगा? पहली नजर में देखने पर ये दोनों एक तरह की दो बातें लग सकती हैं, लेकिन एक अलग स्तर पर ये दोनों बिल्कुल ही अलग-अलग किस्म की बातें भी हैं। शायद इसलिए भी कि इन दोनों का अध्ययन करने वाले विज्ञान की शाखाएं भी अलग-अलग हैं।
ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तो अब एक सच है। इसका विरोध करना निरर्थक है। लेकिन इनकी वजह से पैदा होने वाली सामाजिक स्थितियों से कैसे निपटा जाए, यह सवाल जरूर अहम है। लेकिन इस सवाल पर अपने देश में कोई चर्चा नजर नहीं आती। फिलहाल, एक ताजा अध्ययन के मुताबिक़ भारत में बढ़ते मशीनीकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के चलते आने वाले दस वर्षों में महिलाएं बड़ी संख्या में अपनी नौकरियों से हाथ धो सकती हैं।
कंप्यूटर और डिजिटल तकनीक का नया आयाम है-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ)। मनुष्य और मशीन की बढ़ती साझेदारी के साथ इस अत्याधुनिक तकनीक को प्रयोगशालाओं से निकालकर रोजमर्रा के कामों में इस्तेमाल करने की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं। नीति आयोग ने इस संबंध में एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है. रिपोर्टों के अनुसार, इस संस्था ने सरकार के सामने क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म और शोध संस्थानों की स्थापना का प्रस्ताव रखा है।
दुनिया भर में इंटरनेट के विस्तार के साथ बहुत सारे मामलों के लिए इस पर निर्भरता जिस तेजी से बढ़ रही है, उसमें इसके नियमन का सवाल उठना ही था। खासतौर पर इसके कारोबारी पहलू पर पिछले कुछ समय से यह स्वाभाविक सवाल उठ रहे थे कि अगर कोई कंपनी इंटरनेट के जरिए अपनी गतिविधियों से भारी मुनाफा कमाती है तो वह नियम-कायदों और आर्थिक नियमन से अलग क्यों रहे!