विकास का बजट

देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नरेन्द्र मोदी की दूसरी सरकार का पहला बजट लोकसभा में पेश किया। वैसे देखें तो चुनाव से पहले मोदी सरकार आम चुनाव से पूर्व अंतरिम बजट पेश कर चुकी है। अंतरिम बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाने से लेकर किसानों की सम्मान निधि देने तक के लोक लुभावन फैसले हो चुके हैं तो निर्मला सीतारमण के बजट को देखें तो उन्होंने सिर्फ लेखा-जोखा ही सामने रखा है।
नीतिगत फैसले हालांकि कम दिखाई दे रहे हैं फिर भी बजट में सरकार ने गरीब, किसान और गांव के हितों को ध्यान में रखकर कुछ नए फैसले घोषित किए हैं। बजट में मध्यवर्गीय वेतन भोगियों और छोटे कारोबारियों को राहत देने पर भी जोर है। मध्यम वर्ग को अंतरिम बजट में आयकर में पांच लाख तक की सालाना आय पर टैक्स की छूट अंतरिम बजट से ही जारी है। उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन इसके साथ ही मध्यम वर्ग को अपना घर खरीदने पर ब्याज में राहतकारी छूट दी है। जिनके पास अपना घर नहीं है और किराये के मकानों में रहते हैं उनके लिए मकान किराया कानून को आदर्श कानून बनाने की घोषणा की गई है। बजट में सामने दिख रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने का पूरा ध्यान रखा गया है। सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। सरकार ने 2022 तक हर परिवार को घर, ग्र्रामीण परिवारों को बिजली और गैस देने का वादा किया गया है। युवाओं को अच्छी उच्च शिक्षा व अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा नीति पर जोर दिया गया है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक समिति बनाने की बात भी सामने आई है। बजट में छोटे कारोबारी वर्ग के लिए राहत की उम्मीदें हैं। तीन करोड़ खुदरा व्यापारियों को पेंशन योजना की घोषणा की गई है तो एमएसएमई के लिए ऑन लाइन पोर्टल लाया जाएगा। चार सौ करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनियों पर 25 फीसदी टैक्स लगाया गया है। इससे इन कंपनियों को लाभ मिलेगा। देश में वाहनों की बिक्री घट रही है लेकिन सरकार ने केवल इलेक्ट्रीक वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहन देने की पहल की है। इन वाहनों पर चार फीसद टैक्स लगेगा। साथ ही वाहन खरीदने पर ब्याज छूट भी मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी है कि सरकारी बैंकों की दशा में सुधार आया है। इससे कर्ज का दायरा बढ़ेगा। बजट में किसानों, गरीबों व मध्यम वर्ग को कुछ राहतें बांटने के अलावा अमीरों पर टैक्स बढ़ाया है, जो उचित है, लेकिन बजट में रोजगार के संकट का कोई समाधान का संकेत नहीं दिया गया है। पेट्रोल-डीजल पर 1 फीसदी सैस लगाने से महंगाई बढ़ेगी।
नीतिगत फैसले हालांकि कम दिखाई दे रहे हैं फिर भी बजट में सरकार ने गरीब, किसान और गांव के हितों को ध्यान में रखकर कुछ नए फैसले घोषित किए हैं। बजट में मध्यवर्गीय वेतन भोगियों और छोटे कारोबारियों को राहत देने पर भी जोर है। मध्यम वर्ग को अंतरिम बजट में आयकर में पांच लाख तक की सालाना आय पर टैक्स की छूट अंतरिम बजट से ही जारी है। उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन इसके साथ ही मध्यम वर्ग को अपना घर खरीदने पर ब्याज में राहतकारी छूट दी है। जिनके पास अपना घर नहीं है और किराये के मकानों में रहते हैं उनके लिए मकान किराया कानून को आदर्श कानून बनाने की घोषणा की गई है। बजट में सामने दिख रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने का पूरा ध्यान रखा गया है। सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। सरकार ने 2022 तक हर परिवार को घर, ग्र्रामीण परिवारों को बिजली और गैस देने का वादा किया गया है। युवाओं को अच्छी उच्च शिक्षा व अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा नीति पर जोर दिया गया है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक समिति बनाने की बात भी सामने आई है। बजट में छोटे कारोबारी वर्ग के लिए राहत की उम्मीदें हैं। तीन करोड़ खुदरा व्यापारियों को पेंशन योजना की घोषणा की गई है तो एमएसएमई के लिए ऑन लाइन पोर्टल लाया जाएगा। चार सौ करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनियों पर 25 फीसदी टैक्स लगाया गया है। इससे इन कंपनियों को लाभ मिलेगा। देश में वाहनों की बिक्री घट रही है लेकिन सरकार ने केवल इलेक्ट्रीक वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहन देने की पहल की है। इन वाहनों पर चार फीसद टैक्स लगेगा। साथ ही वाहन खरीदने पर ब्याज छूट भी मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी है कि सरकारी बैंकों की दशा में सुधार आया है। इससे कर्ज का दायरा बढ़ेगा। बजट में किसानों, गरीबों व मध्यम वर्ग को कुछ राहतें बांटने के अलावा अमीरों पर टैक्स बढ़ाया है, जो उचित है, लेकिन बजट में रोजगार के संकट का कोई समाधान का संकेत नहीं दिया गया है। पेट्रोल-डीजल पर 1 फीसदी सैस लगाने से महंगाई बढ़ेगी।
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